संपादक नयन टवली की कलम से ✍️

अलीराजपुर – तो भैया बहुत दिनों से खबर नहीं लगाई थी और सोच भी रहा था की पोजेटिव होकर चले पर… वो कहते है न की… कुछ लोग आपको ज्यादा समय तक पोजेटिव रहने नहीं देते… जोबट से लाइन हुई मेडम के किस्से तो पता ही होंगे… फिर बड़े सहाब ने उन्हें भरोषा कर मुख्यालय की कमान सोप दी.. जोबट मे भी मेडम का रवेया फस्ट क्लास ऑफिसर जैसा ही था… जवाबदारी थी जोबट की और रहती थी अलीराजपुर… वो सोनी मोहल्ले मे चोरी की घटना तो याद होंगी… उस दिन भी मेडम घटना के दो घंटे बाद उपस्थित हुई थी… फोन नहीं उठाने की आदत से मजबूर मेडम का रवेया मुख्यालय पर भी जस का तस बना हुआ है.. जिससे आम जन.. पत्रकार… जनप्रतिनिधि सभी परेशान है…अब आप ही सोचिए यदि कोई घटना घटित हुई हो तो पत्रकार जानकारी हेतु किसी फोन करे… बड़े सहाब को…. यदि किसी आम जन को तकलीफ होया कोई घटना हुई होतो वो किसे फोन करे… बड़े सहाब को… किसी जनप्रतिनिधि को कोई समस्या हो या कोई काम होतो वो किसे फोन करे… बड़े सहाब को… यदि छोटी छोटी बात मे बड़े सहाब को फोन करना पड़े तो.. मुख्यालय जैसे इतने महत्वपूर्ण स्थान पर मेडम को जवाबदारी देकर क्या हासिल हुआ…. बड़े सहाब यह बात अब आम हो गईं की मेडम फोन नहीं उठाती अगर सोशल पुलिसिंग.. नैतिकता.. एवं अच्छी छवि को प्रकाशित करने हेतु आप मेहनत कर रहे होतो ऐसे किसी को जो फोन तक नहीं उठाते उनको कमान देकर क्यों.. आप अपनी मेहनत पर पानी फेरना चाहते हो… मेडम के इस रवेये से लगभग स्टॉफ भी परेशान है… यदि आप अपनि मेहनत को सार्थकता देते हुए परिणाम तक ले जाना चाहते है तो…आप कड़ा निर्णय लेकर… इस परेशानी से सभी को निजाद दिलाएं …।