संपादक नयन टवली की कलम से ✍️

अलीराजपुर – कल जोबट भगोरिया मेले मे कांग्रेस की आपसी राजनीती खींचतान साफ दिखाई दी इधर जोबट से विधायक सेना पटेल और कांग्रेस के कद्दावर नेता महेश पटेल अपने सेकड़ो समर्थको के साथ कई मांदल ढ़ोल के साथ नजर आए तो विक्रांत भूरिया और दीपक भूरिया और हजरी अजनार ने भी अपना दम दिखाया , कई बार भूरिया vs पटेल की राजनीती खींचतान दिखाई दी पर कल तो मानो शक्ति प्रदर्शन का दिन हो….
शुरुआत हुई यहां से…. बीते कुछ सालो से महेश पटेल को क्रांतिलाल भूरिया के बिच कुछ ठीक नहीं चल रहा है… पटेल ने कई बार प्रेस कांफ्रेस कर भूरिया पर आरोप लगाए… पिछले ही जोबट भगोरिया मेले की लड़ाई तो पता ही होंगी… मार पिट पर उतारू हो गए थे…. फिर भी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने इन्हे एक करने की नाकामियाब कोशिश की…. और वह कहे मुताबिक नाकामियाब ही रहे… विधायक चुनाव मे अलीराजपुर से मुकेश पटेल की हार के कारण बने एवं पार्टी विरोधी गतिविधियों मे शामिल लोगो को भूरिया ने कांग्रेस मे शामिल करवाया… ज़ब की मुकेश अपनी हार का कारण उन्हें ही मानते है…. क्रांतिलाल भूरिया के अलीराजपुर मे राजनीती हस्तछेप से पटेल परिवार हमेशा ही नाराज नजर आया… फिर बारी आई सांसद चुनाव की… मतलब भूरिया परिवार की… क्रांतिलाल भूरिया को टिकट मिला… इधर राजनीती के चाणक्य माने जाने वाले और कार्यकताओं के नेता मंत्री नागर सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती अनीता चौहान को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया….राम लहर… और कार्यकताओं के नेता नागर सिंह चौहान के अच्छे व्यवहार और संगठन की रचना के कारण भाजपा ऐतिहासिक वोटो से चुनाव जीती पर… कांग्रेस के भूरिया और पटेल की राजनीती खींचतान और बढ़ गईं क्योंकि अब भूरिया परिवार को अलीराजपुर की दोनों विधानसभा से इतना तगड़ा झटका लगा की होश उड़ गए… जहाँ स्वयं कांग्रेस की विधायक श्रीमती सेना पटेल लगभग 38 हजार से जीती हो… वहा सांसद चुनाव मे कांग्रेस 20 हजार के लगभग से हार गईं… मतलब साफ था की यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेगे वाला गाना अलीराजपुर मे गजब बजा…. इसी कारण भूरिया और पटेल मे राजनीती लड़ाई और बड़ी……
विजय… विनय… मीथीयास
सांसद चुनाव मे ही… विक्रांत के 3 खास लोग , मतलब कहे की विक्रांत नहीं मिले तो विजय… विनय… मिथियास इनमें से किसी से बात करलो मतलब आपकी बात विक्रांत से हुई समझ लो…. कुछ माह पूर्व ही… विक्रांत के खास इन तीनो नेताओं ने भूरिया परिवार का साथ छोड़ दिया…. विजय भाभर सांसद चुनाव मे भाजपा के साथ आए…. राणापुर मे भूमि अधिग्रहण के खिलाफ रैली हुई वहा महेश पटेल आए…. पर विक्रांत ने कार्यक्रम से दुरी बना ली….उस ही कार्यक्रम के बाद… भूरिया परिवार द्वारा मीथियास और विनय को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया….और जिला बदर वाली कहानी भी हुई वो आपको पता है….
इधर हजरी अजनार को जोबट विधानसभा मे पार्टी विरोधी गतिविधिया और कांग्रेस की अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ काम करने मे शामिल होने के कारण पार्टी ने निष्कासित कर दिया… पर विक्रांत ने अपने विरोधी पटेल के राजनीतीक दुश्मन को इकट्ठा कर… हजरी अजनार को आदिवासी कांग्रेस का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया….
आदिवासी विकास परिषद – डूबते को तिनके का सहारा… जिलों के लड़ाई मे… प्रदेश नेतृत्व ने भी हात बड़ाए…. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार द्वारा भूरिया परिवार के राजनीती विरोधी महेश पटेल को आदिवासी विकास परिषद का प्रदेश उपाध्यक्ष , मीथीयास भूरिया को प्रदेश सचिव और विनय भाभर को जिला अध्यक्ष बनाया…. स्वागत कार्यक्रम हुआ… पर पोस्टर और मच से… क्रांतिलाल भूरिया और विधायक विक्रांत भूरिया गयाब थे….
फिर कुछ दिनों तक भूरिया परिवार ने भोपाल और दिल्ली मे शिकायत का दौर और दौड़ शुरू रखी…फिर दिल्ली और भोपाल से… एक और आदिवासी नेता को झाबुआ भेजा गया… आदिवासी कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर… विक्रांत भूरिया को अध्यक्ष बनाया जिले मे स्वागत कार्यक्रम हुआ… ताकत दिखाई गईं पर इधर महेश पटेल , मीथीयास न मंच पर थे न की पोस्टर पर… भूरिया परिवार द्वारा यदि सीधे शब्दो मे कहु की ईट का जवाब पत्थर से देने की कोशिश कामियाब हुई…
कुल मिलाकर राजनीती लड़ाई अब 36 के आंकड़े से बढ़कर… 72 के आंकड़े को पार कर गईं है… खेर यह राजनीती है… ज्यादा समय तक लड़ाई होया प्रेम कुछ स्थिर नहीं रहता….. फिर चुनाव आएंगे… इधर प्रदेश उपाध्यक्ष जी… सांसद की तैयारी कर रहे है… और उधर मेरा आख़री चुनाव बोलकर सांसद चुनाव लड़े… वो उनके पुत्र को सांसद बनाना चाहते है…. लड़ाई और कुछ नहीं सिर्फ वर्चस्व की ही है…खेर अलीराजपुर मे कांग्रेस मे पटेल आज भी मजबूत है… और झाबुआ मे कांग्रेस मे भूरिया के आवाला कोई है नहीं…..