संपादक नयन टवली की कलम से ✍️

अलीराजपुर – आज सर्व समाज की बैठक में सभी ने एक जुटता से निर्णय लिया की आदिवासी जिलो में संपूर्ण शराब बंदी की माँग कि 13 सूत्रीय माँग का ज्ञापन अलीराजपुर अपर कलेक्टर निधी मिश्रा को सौंपा कार्यक्रम को आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश पटेल , D3 सयोजक नितेश अलावा , जयस प्रदेश प्रभारी मुकेश रावत , जयस जिला अध्यक्ष अरविन्द कनेस , आदिवासी विकाश परिषद जिला अध्यक्ष अंगर सिंह चौहान सहित जिला भर के सरपंच पंच , पटेल , पुजारा , तड़वी सहित सैकड़ो ग्रामीण जन उपस्थित रहे , मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर के नाम सोपे ज्ञापन मे विषय इस प्रकार है , उपरोक्त विषय अंतर्गत अनुरोध है अलीराजपुर ओर झाबुआ , धार , बडवानी जिले में पिछले काफ़ी वर्षो से शराब ठेकेदार, आबकारी विभाग , जिला प्रशासन कि मिलीभगत से बड़े पैमाने पर अवैध देशी विदेशी शराब का व्यवसाय हो रहा है। जोकि अत्यंत शर्मनाक ओर असहनीय स्थिति है। माननीय महोदय आपके द्वारा जिस तरह से धार्मिक स्थलों में शराब बंदी की गई वो स्वागत योग्य है। हमारा जिला गरीब आदिवासी बाहुल्य जिला है। यहाँ शासन ने पैसा एक्ट अधिनियम लागू किया है। समाज सुधार के लिए आदिवासी समाज ने क्षेत्र में डी .3 अंतर्गत ;डीजे दारू दहेजद्ध बंद करने के लिए सफल जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है , जिसका व्यापक स्तर पर क्षेत्र में असर देखने को मिल रहा है। आदिवासी समाज ने जहाँ डीजे दहेज पर नियंत्रण पा लिया है, कुछ हद तक शराब पर भी नियंत्रण हो रहा है। पर विडंबना है कि जो पंचायत स्तर पर सरकारी देशी विदेशी शराब की दुकान संचालित हो रही है कहीं न कहीं हमारे समाज के सुधारने के अभियान में रोड़ा बन रही है डी .3 अभियान को शासन, मंत्री , विधायक , सभी ने मिलकर अभियान को सफल बनाने में सहयोग दे रहे हैं हम सर्व समाज उन सब के आभारी है माननीय हमारा समाज कई विपरीत चुनौतियों से गुजर रहा है। पूरा मध्य भारत मे खराब स्वास्थ्य , खाद्य सुरक्षा, कुपोषण और निरक्षरता शामिल हैं साथ ही शराब का दंश जो समाज को कहीं न कहीं गुमनामी ओर बर्बादी के रास्ते ले जा रहा। आदिवासी क्षेत्रों में शराब की लत एक बड़ी समस्या बीमारी बनती जा रही है, जिसका इलाज करा पाना बहुत मुश्किल होता जा रहा है शराब के लत के कारण बेरोजगारी से कई प्रकार के आर्थिक संकट पैदा हो रहा बच्चे शिक्षा से हट के चोरी लूट मार जैसे धंधे में लिप्त हो रहे है। जिससे क्राइम क्षेत्र में बढ़ता जा रहा समाज के बीच में अपराध में बढ़ने के कारण जेल जा के ख़ुद का अपने परिवार से दूर होते चले जाते है शराब के कारण पूरा घर बर्बाद हो रहा कई माता बहनों के माँग का सिंदूर भी उजड रहा कई बच्चे अनाथ हो जाते कई माताओ की गोद सूनी हो जाती ये सब शराब के कारण साथ ही गांधी के गुजरात में शराब बैन है पर पड़ोसी राज्य आदिवासी जिले मध्यप्रदेश के होने शराब तष्कर बड़ी संख्या में शराब गुजरात भेज रहे है ! आदिवासी जिले गुजरात से सटे है अगर इन जिलों में शराब बंद हो गई तो गांधी के गुजरात भी शराब जाना बंद हो जाएगी साथ हमारे समाज के युवा में सुधार आयेगा समाज अपने धार्मिक गतिविधियों में सामाजिक क्षेत्र में आगे बढ़ेगा आर्थिक रूप से मज़बूत होकर समाज को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। अतः माननीय मुख्यमंत्री जी से सर्व समाज महापंचायत के माध्यम से 11 सूत्रीय मांग है जो मुख्य कुछ इस प्रकार है….
1 . आदिवासी क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर सम्पूर्ण शराबबंदी लागू करना ।
2 . अवैध शराब परिवहन पर अंकुश लगाया जाए ।
3 . आदिवासी क्षेत्रों में शराब ठेकेदारों के कर्मचारी के अवैध हथियारों के उपयोग कर जिले में निवास करते अलग अलग ग्रामीण क्षेत्र में अवैध तरीक़े से शराब संचालित करते जिससे ग्रामीण जनों में भय का माहौल बना रहता है उनकी जाँच की जाए ।
4 . शराब कारोबारियों के समस्त कर्मचारियों के पुलिस वैरिफ़ेकेशन किए जाये ।
5 . शहरी क्षेत्र में शराब की दुकानों से किसी भी व्यक्ति को 2 बॉटल से ज़्यदा शराब ना दिया जाए ।
6 . शहरी क्षेत्र की शराब की दुकानों से कैमरे की निगरानी हो जिसकी मॉनिटरिंग आबकारी विभाग में लाइव कैमरा रिकॉर्डिंग हो साथ ही दुकानों पर आबकारी विभाग का एक गार्ड भी नियुक्त किया जाये ।
7 . स्टॉक रजिस्ट्रार डेली पंजीयन मनेटरिंग शराब खपत की जानकारी डेली आबकारी विभाग द्वारा चेक किए जाये ।
8 . पंचायत स्तर पर कई ग्राम पंचायतों में पैसा एक्ट के तहत ग्राम सभा के माध्यम से महिलाओं के विरोध के कारण शराब की दुकानें बंद करने का प्रस्ताव पास किया गया है। उस पर अमल हो ।
9 . ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित हो रही शराब की दुकानें आबकारी अधिनियम के अंतर्गत नहीं संचालित हो रही है नियम के मुताबिक नहीं है अमानक स्तर पे है नेशनल हाइवे, मंदिर, मस्जिद, स्कूल से मानक स्तर दूरी पर नहीं है ।
10 . ग्राम पंचायत जनसंख्या अनुपात के अनुशार जो शराब दुकान संचालित होना चाहिए अधिनियम के अन्तर्गत जनसंख्या नहीं है फिर भी शराब की दुकान संचालित हो रही है उन्हें बंद किया जाए ।
11 . शहरी क्षेत्र की संचालित शराब की दुकानो पर मूल्यदर सूची लेवल , ब्रांड दुकान के बाहर चस्पा हो ।
12 . शहरी क्षेत्र की दुकानों से एक दुकान से दूसरे दुकान पे शराब भेजने पर टीपी बिल्टी मौजूद वाहन के साथ मौक़े पर ही उपलब्ध हो ।
13 . अलीराजपुर शहर में आदिवासी समाज द्वारा क्रान्तिकारी श्री छितुसिंहजी किराड की मूति बनवाई गई है मूति स्थापना काजु विकास रोड आम्बावाडी अलीराजपुर में कि जाने हेतु शासन द्वारा अनुमति नही दि जा रही है जिससे कान्तिकारी श्री छितुसिंह जी किराड का अपमान हो रहा है ।