संपादक नयन टवली की कलम से ✍️

अलीराजपुर – किसी की मौत के कारण और तरीके का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम किया जाता है। इसे ऑटोप्सी या शवपरीक्षा भी कहते हैं। सामान्यतः दुर्घटना के दौरान मृत्यु, पुलिस प्रकरण / एमएलसी होने या किसी विशेष कारण होने से ही मृतक का पोस्टमार्टम किया जाता है। किन्तु सामान्य एवं ज्ञात बिमारी से मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम की आवश्यकता नही होती है , अलीराजपुर जिले सहित मध्यप्रदेश के सभी शासकिय एवं निजी अस्पतालो में तो यही नियम का पालन हो रहा है। किन्तु अलीराजपुर सहित ग्रामीण बाहुल्य जिले जैसे झाबुआ, रतलाम, बडवानी, धार आदी जगहो के ग्रामीण जब समिपस्थ गुजरात राज्य के किसी अस्पताल में जाते उपचार के लिए जाते है, जहा उपचार के दौरान यदी सम्बंधित की मृत्यु हो जाती है तो गुजरात के कुछ चिकित्सा संस्थाए बिना पोस्टमार्टम किए परिजनो को शव प्रदान नही करते है। जिससे मृतक के परिजन काफी परेशान होते है ।
मंत्री सांसद हेल्पलाईन पर आई कई शिकायते
इस सम्बंध में कैबिनेट मंत्री श्री नागरसिंह चौहान एवं सांसद श्रीमति अनिता चौहान द्वारा संचालित मंत्री सांसद हेल्पलाईन पर इस सम्बंध में कई बार शिकायते प्राप्त हुई। चैंगनवाट निवासी स्वं श्री वैस्ता जी का निधन बीमारी के चलते गुजरात दाहोद के झायडस अस्पताल में हुआ। इसी प्रकार बोरी भाजपा मंडल अध्यक्ष श्री सुमेर डावर की माताजी श्रीमति सेलकी डावर जी का भी बोरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर अवस्था में गुजरात दाहोद के झायडस अस्पताल में रैफर किया। जहा देर रात में भर्ती करने के कुछ देर बाद उनका भी निधन हो गया दोनो प्रकरणो में अस्पताल प्रबंधन ने परिजनो पर पोस्टमार्टम करने का दबाव बनाया। दोनो प्रकरणो में परिजनो ने प्रबंधको को पीएम करने से साफ इंकार करते हुए शव सौपने को कहा, किन्तु अस्पताल वालों ने एक नही सुनी। जिसके बाद परिजनो ने मंत्री सांसद हेल्पलाईन पर सम्पर्क किया। हेल्पलाईन प्रभारी एवं कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधी गोविन्दा गुप्ता ने सीधो दाहोद थाना प्रभारी एवं जवाबदेह अधिकारीयो से चर्चा करते हुए परिजनो के इच्छानुसार शव सौपने की कार्यवाही करने को कहा, वही कैबिनेट मंत्री चौहान ने भी अधिकारीयो से चर्चा करते हुए आवश्यक निर्देश दिए। जिसके बाद परिजनरो को शव सौपा गया ।
जवाबदारो को पत्र लिख दिए निर्देश
हेल्पलाईन प्रभारी एवं कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधी गोविन्दा गुप्ता ने बताया की बार बार इसी प्रकार कि शिकायतो के आने के बाद कैबिनेट मंत्री श्री चौहान ने नाराजगी जाहिर करते हुए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग गुजरात के प्रमुख सचिव एवं स्वास्थ्य आयुक्त को पत्र प्रेषित कर ग्रामीण बाहुल्य जिलो से आने वाले गरीब ग्रामीणो को इस तरह अनावश्यक परेशान ना करने के निर्देश जारी किए मंत्री श्री चैहान ने पत्र में साफ निर्देश दिए कि जहा आवश्यकता ना हो वहा परिजनो की सहमति एंव नियामनुसार कागजी कार्यवाही उपरान्त शव सौपे जाने कि व्यवस्था कि जाए, एवं जहा एमएलसी प्रकरण या मृत्यु का कारण अज्ञात हो वहा पर ही पीएम किया जाए , इसी के साथ हेल्पलाईन प्रभारी एवं कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधी श्री गुप्ता ने भी पत्राचार करते हुए समिपस्थ जिले दाहोद, बडौदा, छोटा उदयपुर, आदी के कलेक्टर को भी पत्र प्रेषित कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीणो को अनावश्यक परेशान करने के मामलो से अवगत कराते हुए कैबिनेट मंत्री जी द्वारा लिखे पत्र को भी सलग्न कर प्रेषित करते हुए तत्काल विभाग को आवश्यक निर्देश जारी करने की बात कही ।
मृत्यु का कारण पता करने के लिए PM कराया जाता है ।
विशेषज्ञ की राय सामान्यत MLC केस में PM कराया जाता है। बीमारी से पीड़ित भारती मेरी जिसका डायग्नोसिस पहले से हो चुका हो उसको PM करने की आवश्यकता नहीं होती है – डॉ प्रकाश ढोके, MD, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल अलीराजपुर ।