संपादक नयन टवली की कलम से ✍️

झाबुआ – अपने प्रशासनिक दाइत्व का निष्ठा पूर्वक पालन करने वाली एवं कार्य मे लापरवाही पर सख्त रुख अपनाने वाली जिला कलेक्टर नेहा मीना द्वारा सयुंक्त कलेक्टर मरकाम को नोटिस जारी किया गया , करीब 132 दिनों से सर्किट हॉउस मे मुफ्त मे ऐसो आराम कर रहे मरकाम को कलेक्टर ने नोटिस जारी कर सख्त चेतावनी दी एवं सर्टिक हॉउस मे रहने पर 79200 रुपए जमा करने एवं अपनी कार्यशेली सुधारने को कहा है , कलेक्टर द्वारा साफ शब्दो मे कहा की यह सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का घोर उल्लँघन है , यह सिर्फ अनुशासनहीनता ही नहीं अपितु जिले की छवि धूमिल करने वाला कृत्य भी है , इसी कारण मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के तहत कार्यवाही की सिफारिस की गईं है ।
मरकाम की कई बाते :- सूत्रों से पता लगा है की मरकाम सहाब को झाबुआ मे काम करना रास नहीं आरहा वो अपने से नीचले अधिकारीयों एवं कर्मचारीयों को गाली गलोच तक कर देते है , सहाब झाबुआ कम इंदौर ज्यादा आते जाते है और हर किसी को बोलते रहते है की मुझे झाबुआ से जाना है , कलेक्टर द्वारा दिए गए कार्यों एवं निर्देशों को भी हवा मे उड़ा देते है , मरकाम के पास जिन विभाग के कार्य थे उन कार्यों को भी वह गंभीरता से नहीं लेते , प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य की मानिटरिंग भी ठप पड़ी है , नगर परिषद मेघनगर के पास जमीन उपलब्ध न होने के बावजूद प्रस्ताव बरिष्ठ कार्यलय को भेज दिया गया , आरटीआई मामले मे 2500 की क्षतिपूर्ति राशि भी जमा नहीं की गईं ऐसे कई मामले है पर अब ऐसे अधिकारी जिसकी स्वयं जिले मे कार्य करने की इच्छा न हो उसे जिले मे रखना और विभागीय प्रभार देना भी उचित नहीं था कलेक्टर द्वारा सभी प्रभार से भी मरकाम को मुक्त कर दिया गया है ।